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Musibat Ko Door Karne Ka Amal , ” ये हश्त आयात पाक अकसीर आजम की सिफ़त रखते हैं. दीन व दुनिया की आफत से निजात पाये. विर्द करने वाला अगर कोई शख़्स नाहक़ किसी मामला में माखूज़ हो गया हो अगर खून नाहक़ का ही इलज़ाम हो तो बहुक्मे ख़ुदा बरी हो अगर कर्ज़दार हो तो कर्ज़ अदा हो. ग़र्ज कोई काम व कोई मुसीबत हो तो ख़ुदा रहम फ़रमाता हैं. तरकीब ये हैं की आठों सलाम इस तरह पढ़े कि बाद नमाज़ फ़ज्र चालीस बार, बाद नमाज़े ज़ोहर तीस बार, बाद नमाज़ असर बारह बार, बाद नमाज़ मग़रिब ग्यारह बार, बाद नमाज़ इशा आठ बार अव्वल व आखिर दुरुद शरीफ़ ग्यारह बार पढ़े. इन्शा अल्लाह तआला इक्कीस यौम में कामयाबी होगी. मगर क़र्ज़ के वास्ते चालीस यौम तसख़ीर खलाईक हर हालत में होती हैं. इसकी ख्वास असर किसी काम के वास्ते विर्द कर दें तसख़ीर आम साथ होगी अगर कोई शख़्स एक सौ एक बार एक बैठक में पढ़े तो वह अजीब व ग़रीब असर देखेगा.
Surah Aale-Imran – اۤل عمران
[Ayath:173]
حَسْبُنَا ٱللَّهُ وَنِعْمَ ٱلْوَكِيلُ
HASBONALLAHU
WA
NAYMAL
WAKEEL
( Surah Aale Imran Ayat 173 )
Jo Shakhs Kisi Musibat Mein Mubtila Ho
Toh Is Aayat Ko Padha Kare
Insha. ~ALLAH~
Uski Musibat Dur Ho Jayegi